कोरोना जागरूकता रथ से पुलिस दे रही सुरक्षा का संदेश

शहर भर में घूम रहा है पुलिस का रथ
रायपुर.
रायपुर में कोरोना से बचने जागरूक करते पुलिस वाले 
कोरोना से झन डरो येला हराना है...आप मन ह घर में रहो, अनावश्यक घर से बाहर झन निकलो..., घर से बाहिर जाए के बेरा म मास्क जरूर लगावव..., हाथ झन मिलावव नमस्ते कर अभिवादन करव..., साबुन से बार-बार हाथ धोवत रहव, अऊ अल्कोहल युक्त सैनेटाइजर
का उपयोग करव..., सार्वजनिक स्थानों पर झन थूकव...,एक-दूसरे से कम से कम दू मीटर के दूरिहा बनाए रखव, तभ्भे कोरोना से राहत मिलही हमन ल। कुछ इस तरह से छत्तीसगढ़ी भाषा में पुलिस का कोरोना जागरूकता रथ लोगों को संदेश दे रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा जागरूक रहें। रायपुर ट्रैफिक पुलिस ने एक आकर्षक झांकी बनाया है, जिसे कोरोना जागरूकता रथ का नाम दिया गया है। यह रथ दिनभर शहर के प्रमुख इलाकों में भ्रमण करेगा। और लाउड स्पीकर से लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने की नसीहत देते रहेगा। इसके ट्रैफिक पुलिस बनाया है और इसमें ऑडियो भी ट्रैफिक जवानों की है।
लापरवाह युवक को दे रहे मास्क
झांकी में दो पुलिस वाले, राक्षसनुमा कोरोना वॉयरस और एक बाइक सवार युवक की मूर्तियां बनी है। ट्रैफिक पुलिस का जवान बाइक सवार युवक, जो अपने घर से बिना मास्क लगाए निकला है, उसे मास्क देता है। साथ ही यह चेतावनी भी देता है कि बिना मास्क के निकलना कोरोना संक्रमण को दावत देना है। दूसरा पुलिस जवान सेनेटाइजर का उपयोग करके कोरोना संक्रमण से बचने का संदेश दे रहा है।
शहर भर में घूमेगी झांकी

ट्रैफिक पुलिस की कोरोना जागरूकता रथ शहर भर में घूमेगा। पहले दिन अनुपम नगर, शंकर नगर, तेलीबांधा, वीआईपी टर्निंग, खम्हारडीह आदि इलाकों में झांकी का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद शहर के सभी प्रमुख चौक-चैराहों में झांकी को खड़ा किया जाएगा। कॉलोनियों और घनी आबादी वाले इलाकों और खासकर सब्जी बाजारों में भी इस झांकी को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। ट्रैफिक डीएसपी सतीश सिंह ठाकुर ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए झांकी बनाई गई है। झांकी के अलावा लाउड स्पीकर के माध्यम से लोगों को संदेश दिया जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। बिना मास्क के घर से बाहर न निकलें। झांकी को शहर के अलग-अलग हिस्सों में घुमाया जाएगा।

लॉकडाउन से रायपुर में बढ़ी घरेलू हिंसा, चुप्पी तोड़ अभियान से रोकेगी पुलिस

रायपुर. 
लॉकडाउन का साइड इफैक्ट कई तरह से सामने आ रहा है। कोरोना संक्रमण से लोग बच रहे हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के कई दुष्परिणाम भी हो रहे हैं। घर की जिम्मेदारी एक तरह से महिलाओं के ऊपर ही होती है। आर्थिक तंगी और सोशल डिस्टेसिंग के चलते घर में पति-पत्नी के बीच झगड़े बढ़ रहे हैं। पति-पत्नी के बीच झगड़ा होता है, तो अक्सर पति ही भारी पड़ता है। इस कारण घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। शराब की अवैध बिक्री भी इसकी बड़ी वजह है। मामूली बात पर महिला से मारपीट, मानसिक प्रताडऩा, दहेज, चरित्र शंका, शराब पीकर मारपीट करने जैसी ढेरों शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि लॉकडाउन लगने के बाद महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। पुलिस के पास एक माह में 60 से ज्यादा प्रकरण आए हैं। इससे पहले इतने मामले नहीं आए थे। घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए रायपुर पुलिस ने पीडि़ता महिलाओं की समस्याओं के समाधान और हिंसा की रोकथाम के लिए नया कैंपेन शुरू किया है, जिसे "चुप्पी तोड़" नाम दिया गया है। बुधवार को रायपुर एसएसपी आरिफ शेख ने फेसबुक में ऑनलाइन इसकी शुरुआत की। लॉकडाउन के चलते थाना नहीं आ पाने के कारण उनके लिए विशेष मोबाइल नंबर, वाट्सऐप नंबर जारी किया गया है। सोशल मीडिया के जरिए भी इसकी शिकायत की जा सकती है। घरेलू हिंसा रोकने के लिए चार अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। आईयूसीएडब्ल्यू एएसपी अमृता सोरी को इस मुहिम का पर्यवेक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया है।
दो साल में 1500 शिकायतें
पिछले दो साल में ही रायपुर पुलिस को अलग-अलग थानों, महिला थाना और अन्य माध्यमों से 1500 शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों में शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा के मामले शामिल हैं। महिलाएं अपने पति से या ससुराल के अन्य लोगों से प्रताडि़त हुई है। इसकी शिकायत उन्होंने थाने में की।
त्वरित सहायता दी जाएगी
इस मुहिम के अंतर्गत महिला पर यदि पारिवारिक अत्याचार व घरेलू हिंसा हो रहे हैं, तो उन्हें त्वरित सहायता प्रदान किया जाएगा। गंभीर स्थिति में पुलिस टीम स्वयं घटना स्थल जाकर समस्या का निराकरण करेंगे। अपराध घटित होने पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। शिकायत दर्ज करने के लिए 11 बिन्दुओं का प्रोफार्मा तैयार किया गया है। इसमें पीडि़त महिला से बातचीत की जाएगी। यदि पीडि़त महिला का मोबाइल नंबर बंद मिला, तो पुन: उनसे संपर्क किया जाएगा।
टोल फ्री नंबरों पर करें शिकायत
घरेलू हिंसा से पीडि़त महिला इन नम्बरों पर शिकायत कर सकती है। और पुलिस की मदद ले सकती है। फोन नंबर- 0771-4247110, मोबाइल नंबर- 94791-90167 और वाट्सऐप नंबर 94791-91250 में अपनी शिकायतें दर्ज करा सकती हैं।
शराब भी है वजह
लॉकडाउन लगने के बाद से घरेलू हिंसा के मामले बढ़ी है। इसकी बड़ी वजह अवैध शराब बिक्री है। लोग चोरीछिपे शराब खरीदकर पी रहे हैं। नशे में धुत होकर घर में रहने से भी पति-पत्नी के बीच विवाद हो रहा है। इसके चलते पति नशे में धुत होकर पत्नी से दुव्र्यवहार करता है। मारपीट भी करता है। पुलिस के पास सभी तरह की शिकायतें आ रही है। लॉकडाउन लगने के बाद से अब तक पुलिस के पास महिला प्रताडऩा के 60 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं, जिसमें महिलाओं ने मारपीट, गाली-गलौज और अन्य शिकायतें दर्ज कराई हैं। 

इंजीनियर ने रात में लॉकडाउन का किया फेसबुक लाइव, सुबह किया अपनी ही गिरफ्तारी वाली पोस्ट

रायपुर.
सोशल मीडिया का चस्का लोगों को इस कदर लगा है कि छोटी-मोटी चीजों को भी फेसबुक में शेयर करते हैं और वाहवाही लूटते रहते हैं। इस तरह के दिखावा करने का नतीजा एक इंजीनियर को कुछ अलग ही अंदाज में भुगतना पड़ा। जिस फेसबुक लाइव से रात में अपने दोस्तों का लाइक ले रहा था, उसके अगली सुबह उसी फेसबुक में अपनी गिरफ्तारी वाली फोटो भी पोस्ट करनी पड़ी। जो लोग उसे रात में फेसबुक में शाबासी दे रहे थे, सुबह उसी का हथकड़ी लगे पुलिस वालों के साथ फेसबुक में फोटो देखकर चौंक गए। इंजीनियर भी अपनी हरकत में शरमा गया।
यह था माजरा
न्यू शांति नगर इलाके में रहने वाले आर्किटेक्ट अभिनय सोनी रविवार को देर रात अपनी कार से मंदिरहसौद स्थित पिंटू ढाबा गए। और वहां से खाना पैक कराया। इसके बाद घर लौट रहे थे। इस दौरान उसने फेसबुक लाइव करके अपने दोस्तों को दिखाया कि वह किस तरह शहर में लॉकडाउन के बीच बिंदास घुम रहा है। और खाना-पीने की चीज लेकर  आ रहा है। आधी रात तक चले फेसबुक लाइव में उस दौरान उसके कई दोस्तों ने देखा और लाइक किया। अभिनय ने बकायदा ढाबा से लेकर अपने घर पहुंचने तक फेसबुक लाइव किया। इस दौरान किसी भी जगह पुलिस की चेकिंग नजर नहीं आई। अभिनय के फेसबुक लाइव ने शहर में लॉकडाउन के दौरान चेकिंग पाइंटों की पोल खोल दी। अभिनय को मंदिरहसौद आते-जाते समय किसी ने न रोका और न ही जांच की।
चुनौती के रूप में ले रहे युवा
लॉकडाउन को कई युवक चुनौती के रूप में ले रहे हैं। और तरह-तरह के बहाने करके शहर में घूमने निकल रहे हैं। कोई दवा लेने का बहाना कर रहा है, तो कोई कुछ और बहाना कर रहा है। पुलिस वालों के मुताबिक अभिनय ने भी लॉकडाउन के बीच बाहर घूमने-फिरने को चुनौती के रूप में लिया और कार लेकर बाहर निकल गया। साथ ही उसका फेसबुक लाइव करके अपने दोस्तों को भी दिखाया। कुछ लोगों ने उसकी इस हरकत की तारीफ भी की।
लाइव के बाद गिरफ्तारी वाला पोस्ट भी कराया
मंदिरहसौद पुलिस ने आरोपी  अभिनय को सुबह गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसकी कार और आईफोन जब्त कर लिया। इससे पहले उसके फेसबुक में उसकी गिरफ्तारी वाला फोटो भी पोस्ट कराया। साथ ही यह भी लिखवाया कि रात में उसी ने लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए फेसबुक लाइव किया था। पुलिस ने उसे यह पोस्ट इसलिए करवाया, ताकि दूसरों को भी इससे सबक मिले और ऐसी हरकत न करे।
फेसबुक का साइड इफैक्ट : खूबसूरत युवती बनकर इंजीनियरिंग स्टूडेंट करता था बुजुर्गों से चैटिंग //: https://chhattisgarhsatyakatha.blogspot.com/2020/04/blog-post_18.html

संतान नहीं होने पर बैगा से करवा रहे थे झाडफ़ूंक, असर नहीं होने पर देवर की बेटी की कर दी हत्या


माना के टेमरी की घटना 
रायपुर. जलन मन का एक भाव है। कहा जाता है कि महिलाओं में यह भाव थोड़ा ज्यादा होता है। अगर जलन की भावना के साथ अंधविश्वास भी शामिल हो जाए, तो इसका परिणाम काफी घातक और दुखदायी होता है। टेमरी गांव में यही हुआ। जलन और अंधविश्वास ने एक परिवार की खुशियां छिन ली। परिवार में मातम छा गया। इस दुख से उबरने में वर्षों लगेंगे। इस घटना की शुरुआत साल भर पहले हो गई थी। लेकिन परिणाम 21 अप्रैल को आया।
मृतका गीतांजलि 
माना के ग्राम टेमरी में नंदकुमार साहू का घर। समय सुबह 10.30 बजे। नीलम साहू अपनी एक साल की बेटी गीतांजली को नहलाया। फिर दूध पिलाया। दूध पीते-पीते गीतांजली सो गई। नीलम ने उसे बिस्तर में सुला दिया और खुद नहाने चली गई। करीब आधे घंटे नहाकर लौटी। कमरे में गीतांजली नहीं थी। उसे लगा आसपास खेल रही होगी। उसने अपने कपड़े बदले। फिर उसे ढूंढने लगी। पूरे घर में उसे देख लिया। बच्ची नहीं मिली। नीलम ने अपने जेठ अनुज साहू और जेठानी राजेश्वरी साहू से भी पूछा। उन्होंने जानकारी होने से इनकार किया। नीलम ने पूरा घर ढूंढ लिया। बच्ची नहीं मिली। आसपास और मोहल्ले के घर घर जाकर बच्ची को ढूंढा। नहीं मिलने पर उसने अपने पति मनोज साहू को बुलाया। पति सब्जी बेचने गया था। लौटने पर उसने भी बच्ची की तलाश की। करीब आधे घंटे बाद अनहोनी की आशंका में मनोज और नीलम ने छत में बनी पानी की टंकी को खोलकर देखा। उनका शक सही साबित हुआ। पानी की टंकी में किसी ने मासूम को फेंक दिया था। मासूम की मौत हो चुकी थी। फिर मनोज बच्ची के जिंदा रहने की आस में उसे अंबेडकर अस्पताल लेकर गया। वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बच्ची को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। माना पुलिस मौके पर पहुंची। हत्या का मामला दर्ज किया। फिर जांच शुरू की।
हत्या की आरोपी महिला 
माना टीआई दुर्गेश रावटे और उसकी टीम ने पहले गीतांजली के मां-बाप का बयान लिया। इसके बाद घटना के समय घर में उपस्थित अनुज और उसकी पत्नी राजेश्वरी से पूछताछ शुरू की। दोनों ने कुछ भी जानकारी होने से इनकार किया। अगले दिन पुलिस ने परिवार के अन्य लोगों से पूछताछ की। बच्ची के दादा-दादी और अन्य लोगों से पूछताछ की। इसके अलावा मनोज के छोटे भाई से भी पूछताछ की। दूसरे दिन भी पुलिस हाथ खाली थे।
तीसरे दिन पुलिस को पता चला कि मनोज और अनुज की एक साथ शादी हुई है। लेकिन अनुज और उसकी पत्नी राजेश्वरी की कोई संतान नहीं है। साथ ही यह भी खुलासा हुआ कि अनुज और राजेश्वरी किसी बैगा से संतान प्राप्ति के लिए झाडफ़ूंक करवा चुके हैं और उसकी बताई जड़ीबूटी का सेवन भी कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने अनुज और राजेश्वरी से अलग-अलग पूछताछ शुरू की। पुलिस ने कड़ाई शुरू की। इसके बाद राजेश्वरी ने बच्ची का हत्या करना स्वीकार लिया।https://chhattisgarhsatyakatha.blogspot.com/2020/04/blog-post_18.html
देखकर जलता था दिल 
पूछताछ में राजेश्वरी ने बताया कि करीब एक साल से संतान प्राप्ति के लिए बैगा से झाडफ़ूंक करवा रहे थे। गीतांजली घर में सबसे छोटी थी। तीन परिवार एक साथ रहते थे, तो सबसे छोटी होने के कारण गीतांजली को सभी प्यार और दुलार करते थे। इससे उसे जलन होती थी। करीब एक माह पहले झाडफ़ूंक वाली दवा बेअसर हो गई। गर्भ नहीं ठहरा। इससे राजेश्वरी और तनाव में रहती थी। इस दौरान घर में बच्ची को हंसते-खेलते देखकर नीलम और उसके पति मनोज से उसे बहुत जलन होती थी। इसके चलते बच्ची को नुकसान पहुंचाने का निर्णय कर लिया। इसी के तहत घटना वाले दिन जैसे ही नीलम नहाने के लिए बाथरूम में गई। राजेश्वरी भी नहाने के लिए उसके कमरे में गई। नीलम बाथरूम में थी और बच्ची बिस्तर में सोई थी। मौका देखकर राजेश्वरी ने बच्ची को गोद में उठा लिया। बच्ची नींद में थी। इसलिए वह रोई नहीं। राजेश्ववरी छत में पहुंची और बच्ची को पानी की टंकी में डाल दिया। ऊपर से ढक्कन लगा दिया और लकड़ी का बड़ा गुटका रख दिया। पानी में डूबने से बच्ची की मौत हो गई। राजेश्वरी के खुलासे घर वाले भी हैरान थे। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इसी टंकी में डुबाया था बच्ची को 
अंधविश्वास का नतीजा

पुलिस के मुताबिक अनुज और राजेश्वरी काफी दिनों से झाडफ़ूंक वाली दवा ले रहे थे। डॉक्टरों से भी जांच करवाई गई थी। इसमें दोनों की रिपोर्ट सामान्य थी। इसके बावजूद दोनों को बैगा के झाडफ़ूंक पर भरोसा ज्यादा था। और उसके बताए अनुसार जड़ीबूटी का सेवन कर रहे थे। पिछले माह ही जड़ीबूटी का असर फेल हो गया। और गर्भ नहीं ठहरा। इसके बाद दोनों के सब्र का बांध टूट गया। और दोनों काफी निराश हो गए। निराशा के साथ ही अपने छोटे भाई की बच्ची को देखकर उनका खून खौल जाता था। इसी आवेश में आकर राजेश्वरी ने इस घटना को अंजाम दिया। बैगा की जड़ीबूटी के अलावा मेडिकल साइंस के दूसरे उपचार पर भरोसा करते और कुछ दिन और इंतजार करते, तो ऐसी घटना नहीं होती।

कातिल किराएदार ने बेटी के सामने ही मां को तड़पा-तड़पा कर मार डाला

मृतका ने बेटी से बात करने से किया था मना 
नशे का आदी था आरोपी 
सविता की लाश 
रायपुर. तेलीबांधा थाने में 21 अप्रैल को शाम करीब 5 बजे हीरानगर से एक व्यक्ति ने फोन किया और महिला की हत्या होने की सूचना दी। तेलीबांधा थाना प्रभारी मोहसीन खान अपने स्टॉफ के साथ हीरानगर पहुंचे। सूचना देने वाले विशंभर यादव के घर पुलिस पहुंची। घर के हालनुमा कमरे में विसंभर की मां 45 वर्षीया सविता यादव की लाश पड़ी थी। उसे एक कपड़े से ढंक दिया गया था। उसके सिर व चेहरे पर वजनदार चीज से चोट पहुंचाने के निशान थे। गले में गहरे रंग का निशान था। कुछ जगह में खरोंच के निशान थे। शव के आसपास फर्श में खून के दाग नजर नहीं आ रहे थे। पुलिस उलझन में थी कि हत्या कहां पर और कैसे हुई? टीआई खान ने पुलिस के आला अफसरों को घटना की सूचना दी। इसके बाद आला अधिकारी और फॉरेसिंक एक्सपर्ट की टीम भी पहुंची। शरीर में चोट के निशान और चादर ढंक कर छिपाने के आधार पर पुलिस ने मौके पर धारा 302, 201 के तहत अपराध दर्ज किया और मामले की तफ्तीश शुरू की।
सविता यादव 
आरोपी प्रकाश उर्फ़ छोटू राजपूत 
सविता के परिवार में उनके पति गणेश, बेटा विशंभर और करीब 15 साल की बेटी है। विशभंर वीआईपी रोड के सीमेंट दुकान में काम करता है। और उसके पिता दूध बेचते हैं। घटना वाले दिन करीब विशंभर दुकान चला गया था और उसके पिताजी भी घर पर नहीं थे। घर में केवल मां-बेटी ही थी। दोपहर करीब 3 बजे विशंभर घर पहुंचा। घर के बरामदे में चादर से ढंका अपनी मां का शव देखकर वह सन्न रह गया। उसके रौंगटे खड़े हो गए। उसने अपनी छोटी बहन से इस संबंध में पूछा, तो वह ज्यादा कुछ बता नहीं पा रही थी। वह बहुत घबराई हुई थी। विशंभर ने पड़ोसन सरस्वती सेन को बुलाया और अपनी मां का हाल दिखाया। सरस्वती भी शव देखकर सकते में आ गई। विशंभर ने सरस्वती के मोबाइल से अपने पिता गणेश को बुलाया। और पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची तेलीबांधा पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। इस दौरान पुलिस को पता चला कि घटना के दौरान मृतका सविता और उसकी नाबालिग बेटी के अलावा उनका किराएदार प्रकाश उर्फ छोटू राजपूत भी घर में मौजूद था। पुलिस ने दोनों से अलग-अलग पूछताछ की। लेकिन कुछ पता नहीं चला। हालांकि इस दौरान नाबालिग काफी घबराई हुई थी। इससे उस पर पुलिस को शक हुआ। पुलिस को यकीन हो गया कि नाबालिग हत्या के संबंध में कुछ न कुछ जरूर जानती है, लेकिन वह बता नहीं पा रही है। इस बीच पुलिस ने प्रकाश के बारे में और जानकारी जुटाई। प्रकाश आदतन नशेड़ी और आवारागर्दी करता था। नशीली गोलियां भी खाता है।  पिछले माह सविता ने उसे मकान खाली करने के लिए अल्टीमेटम दिया था। रात 8 बजे तक पुलिस को यकीन हो गया था कि हत्या में प्रकाश की संलिप्तता है और मृतका की नाबालिग बेटी जरूर कुछ जानती है। महिला पुलिस अधिकारियों ने एक बार फिर नाबालिग को भरोसे में लिया और पूछताछ की।https://www.blogger.com/u/1/blogger.g?blogID=2404951064550374331#editor/target=post;postID=3959811223725335761;onPublishedMenu=allposts;onClosedMenu=allposts;postNum=1;src=postname
किराएदार ही निकला कातिल
पूछताछ में नाबालिग ने दिलदहला देने वाली कहानी सुनाते हुए अपनी मां की हत्या का खुलासा किया। उसने बताया कि 21 अप्रैल को उसकी मां और वह दोनों घर में थे। दोपहर करीब 12 बजे किरायेदार प्रकाश ऊर्फ छोटू कमरे में आया। वह अक्सर मुझसे बातचीत करता था। यह मां को पसंद नहीं था। मां उसे मुझसे बात करने से मना करती थी। इसी बात से वह मां से नाराज रहता था। कमरे में आते ही उसने मां से गाली-गलौज शुरू कर दी। इससे पहले की मां कुछ समझ पाती, प्रकाश ने एक रस्सी उसके गला में फंसा दिया। और रस्सी को कस दिया। इससे मां छटपटाने लगी। प्रकाश ने रस्सी को तब तक कसता रहा, जब तक मां निढाल होकर जमीन पर न गिर पड़ी। इसके बाद पत्थर के सिलबट्टे से उनके सिर व चेहरे पर कई वार किया। इससे मां की मौत हो गई। इसके बाद शव को उठाकर हॉल में ले गया। और एक किनारे में रख दिया। ऊपर से चादर ढंक दिया। इस दौरान मां का बचाव करने उसने शोर मचाना चाहा, तो प्रकाश ने उसे भी उसकी मां की तरह मार देने की धमकी दी। इससे वह घबरा गई। और कुछ न बोल सकी। घटना के बाद आरोपी ने कमरे में गिरे खून को साफ किया और रस्सी को कहीं छिपा दिया। इसके बाद धमकी अपने कमरे में चला गया। और बाहर वाले दरवाजे को भी भीतर से बंद कर दिया, जिससे नाबालिग बाहर नहीं निकल पाई।
किसी के आने का इंतजार करने लगी
दरअसल मृतका के घर और आरोपी प्रकाश के कमरे के लिए एक ही मुख्य दरवाजा है। उसे आरोपी ने भीतर से बंद कर दिया था। नाबालिग ने अपनी आंखों के सामने अपनी मां की हत्या होते देखा। घटना का एक-एक दृश्य उसकी आंखों में घूम रहा था। वह अपने कमरे में रोने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही थी। उसे डर था कि जैसे ही वह बाहर निकलने की कोशिश करेगी, आरोपी प्रकाश उसे भी मार देगा। दोपहर करीब 3 बजे उसका भाई विशंभर घर लौटा। दरवाजा भीतर से बंद था। उसने दरवाजा खटखटाया, तो आरोपी प्रकाश ने दरवाजा खोला। इसक बाद वह अपने कमरे में चला गया। विशंभर को देखकर नाबालिग को राहत मिली, लेकिन वह उसे मां की हत्या के संबंध में खुलकर कुछ बता नहीं पा रही थी। उसे पुलिस के पहुंचने का इंतजार था। और पुलिस के पहुंचने पर पूरे मामले का खुलासा किया। हत्या का खुलासा होते ही पुलिस ने प्रकाश उर्फ छोटू को गिरफ्तार कर लिया। नाबालिग को धमकी देने के कारण आरोपी के खिलाफ धारा 506 बी की अतिरिक्त धारा के तहत भी अपराध दर्ज किया गया।
यह थी हत्या की वजह
आरोपी प्रकाश उर्फ छोटू राजपूत मूलता: ग्राम कुम्हारी बिलाईगढ़ बलौदाबाजार का रहने वाला है। करीब तीन साल पहले अपने पिता भरत राजपूत और भाई के साथ काम की तलाश में रायपुर आया था। और हीरानगर में मृतका के मकान में ही किराए से रहने लगे थे। पुलिस के मुताबि प्रकाश मैकेनिक का काम करता था। और नशे का आदी है। नशे वाली गोलियां भी लेता था। इसके अलावा मोहल्ले की एक युवती से उसकी दोस्ती थी। साथ ही वह मृतका की नाबालिग बेटी से भी बातचीत करता था। मृतका को यह अच्छा नहीं लगता था। उसने अपनी बेटी को उससे बातचीत करने से मना कर दिया था। साथ ही आरोपी प्रकाश को भी कई बार सार्वजनिक तौर से अपनी बेटी से बात करने से मना कर चुकी थी। आरोपी के नशे की आदत को लेकर भी कई बार वह सबके सामने उसे बोल चुकी थी। इसी बात से वह मृतका से नफरत करने लगा था। आरोपी की आदतों के चलते उनसे मकान खाली कराया जा रहा था। लॉकडाउन के बाद उन्हें खाली करने के लिए कहा गया था। इसके चलते आरोपी मृतका को सबक सिखाने के लिए मौके की तलाश में था।
सावधान रहें
इस तरह की घटनाओं को सजगता और सतर्कता से रोका जा सकता है। किराएदारों की सूचना संबंधित पुलिस थाने में देना चाहिए। नशा करने वालों पर नजर रखनी चाहिए। किसी भी तरह की अवैध नशीले पदार्थ का सेवन करने की जानकारी मिलते ही पुलिस को सूचना देना चाहिए। कोई भी किराएदार अवैध गतिविधियों में संलिप्त है, तो तत्काल पुलिस में शिकायत करें। 

थप्पड़ का बदला गंजेड़ी ने ऐसे लिया कि गर्दन काटकर रात भर शव के सामने बैठा रहा

हत्या के बाद पैदल ही घर जाने के लिए पैदल निकला
कमरे में मृत जितेंद्र 
रायपुर. माना बस्ती 18 अप्रैल सुबह करीब 8 बजे। नाईपारा में उदय साहू की बाड़ी में उसका साला विरेंद्र साहू सब्जी तोड़ रहा था। इसी दौरान बाड़ी में बने मकान के एक कमरे से मोबाइल की घंटी बजने की आवाज आई। विरेंद्र ने ध्यान नहीं दिया। फिर मोबाइल की घंटी बजी और फिर लगातार घंटी बजने लगी। इसके बाद विरेंद्र का ध्यान उस ओर गया। वह कमरे के करीब पहुंचा। कमरे का दरवाजा खुला था। और मोबाइल लगातार बज रहा था। उसने पास जाकर देखा, तो उसके हाथपांव फूल गए। तख्त पर 30 वर्षीय जितेंद्र का शव पड़ा था। कमरे की दीवार और जमीन पर खून ही खून फैला था। जितेंद्र का सिर को बुरी तरह से चोट पहुंचाया गया था। गर्दन का आधा हिस्सा कट पड़ा था। यह देखकर विरेंद्र घबरा गया और उसने तत्काल उदय को सूचना और फिर फर्नीचर दुकान चलाने वाले दीपक गुप्ता का बुलाया। मौके से जितेंद्र का रूम पार्टनर राजन कुमार गौतम फरार था।  घटना स्थल पर माना टीआई दुर्गेश रावटे पहुंचे। इसके बाद हत्या की जांच शुरू हुई।
इन हथियारों से हुई हत्या 
ऐसे शुरू हुई कहानी
पुलिस गिरफ्त में राजन(बाएं से पहला ) 
माना बस्ती में दीपक गुप्ता की फर्नीचर दुकान है। उसकी दुकान में 30 वर्षीय जितेंद्र कुमार शर्मा डेढ़ साल से कारीगर के रूप में काम कर रहा था। उसे दीपक ने माना में ही किराए का मकान दिलवाया था। करीब तीन माह पहले राजन कुमार भी दीपक से मिला और पेटिंग का काम मांगा। दीपक ने उसे भी काम दे दिया। वह 9 माह पहले भी दीपक की दुकान में काम कर चुका था। इसलिए दीपक ने उसे दोबारा काम पर रख लिया। और उसे जितेंद्र के साथ ही रहने के लिए कहा। चूंकि दोनों पहले भी साथ रह चुके थे। इसलिए फिर दोनों साथ रहने लगे। कुछ दिन तक दोनों के बीच बातचीत ठीक होती थी। फिर जितेंद्र कामकाज को लेकर उसे कभी-कभी डांट देता था। दोनों एक साथ रहते थे। लिहाजा घर के घर के कामकाज और सामान के उपयोग को लेकर भी दोनों के बीच झगड़ा होने लगा। खासकर खाना बनाने को लेकर विवाद होते रहता था। एक बार मामला दीपक तक भी पहुंचा था। दीपक ने दोनों को समझाया था। इसके बाद दोनों शांत हो गए थे।https://chhattisgarhsatyakatha.blogspot.com/2020/04/blog-post_18.html
खाना बनाने की जिम्मेदारी तय
जितेंद्र और राजन के बीच खाना बनाने को लेकर अक्सर विवाद होता था। दोनों के बीच एक दिन फिर झगड़ा हुआ। इसकी जानकारी दीपक को हुई। दोनों को फिर समझाया। फिर  दोनों के बीच यह तय हुआ कि सुबह का खाना जितेंद्र बनाएगा और शाम का राजन। इसके बाद मामला शांत हुआ। इसी तरह पंखे को लेकर भी झगड़ा होता था। दोनों एक ही कमरे में सोते थे। रात में जितेंद्र पंखे को अपनी ओर कर लेता था। इससे हवा केवल उसी की ओर जाती थी। कभी राजन अपनी ओर कर लेता था। इस तरह दोनों के बीच मनमुटाव चलता ही रहता था।
मौत की नींद 
पुलिस के मुताबिक 17 अप्रैल की रात करीब 8.30 बजे दोनों अपने कमरे में थे। सोते समय बिस्तर बिछाने को लेकर जितेंद्र और राजन के बीच फिर झगड़ा हुआ। इस बार गाली-गलौज करते हुए जितेंद्र ने राजन को दो थप्पड़ जड़ दिए। मार खाने के बाद राजन शांत हो गया। दूसरी ओर जितेंद्र भी सो गया। जितेंद्र को पता नहीं था कि वह हमेशा के लिए सोने जा रहा है। रात में मार खाने के बाद राजन को नींद नहीं आई और वह मन ही मन जितेंद्र को सबक सिखाने की सोचने लगा। और आधी रात को उठा। जितेंद्र गहरी नींद में था। राजन ने पास रखे कुदाली को उठाया और जितेंद्र के सिर पर ताबड़तोड़ वार करने लगा। नींद में होने के कारण जितेंद्र को संभलने का मौका भी नहीं मिला। लगातार सिर में वार होने से उसकी मौत हो गई।
ऐसे की बर्बरता 
राजन ने जितेंद्र की बेरहमी से हत्या की। पहले उसके सिर पर लगातार वार करता रहा। उसकी मौत हो गई। इसके बाद भी राजन को चैन नहीं मिला। उसे लकड़ी काटने की आरी ली। और जितेंद्र के गर्दन को काट दिया। इससे पूरे कमरे में खून फैल गया। जब शरीर से गर्दन लगभग अलग होने लगी, तब राजन को जितेंद्र की मौत होने पर यकीन हुआ। इसके बाद उसने आरी चलाना रोका।
सुबह का इंतजार
आधी रात को जितेंद्र की हत्या करने के बाद राजन वहीं लाश के पास बैठा रहा। सुबह होने का इंतजार करता रहा। उसके मन में न किसी का डर था और न ही कोई चिंता। पूरे कमरे में खून फैला था। और वहीं बैठकर वह सुबह होने का इंतजार करता रहा। सुबह करीब 7.30 बजे वह कमरे से निकला और फरार हो गया। वह पैदल ही माना से निकला। और दलदल सिवनी इलाके तक पैदल पहुंच गया था।
खुद पर कंट्रोल नहीं
नशे की लत किसी को भी अपराधी बना सकताा है। उत्तरप्रदेश के छोटे से गांव पटखौली में रहने वाला 19 वर्षीय राजन कुमार गौतम रोजीरोटी की तलाश में रायपुर आया था। उसका एक ही मकसद था कि किसी तरह रोजीरोटी की व्यवस्था हो जाए। उसे दीपक के पास काम मिल गया। काम मिलते ही उसने नशा करना भी शुरू कर दिया। उसे गांजा पीने का शौक था। गांजे के कारण उसे मामूली बात पर भी गुस्सा आ जाता था। इसी गुस्से के चलते उसने अपने पार्टनर की बेरहमी से हत्या कर दी। और अब जेल के सलाखों के पीछे चला गया। दीपक ने बताया कि आरोपी राजन अक्सर गांजा पीता था। गांजा पीने के कारण उसे खुद पर कंट्रोल नहीं रहता था। गुस्सा भी बहुत करता था। जिस ढंग से उसने जितेंद्र की हत्या की है, उससे लगता है कि वह उससे गहरी दुश्मनी रखता था। उसका जितेंद्र का कुदाली से हत्या करने के बाद भी गर्दन को आरी से रेतना काफी विभत्स कर देने वाला है।
शादी करके लौटा था
दीपक गुप्ता के मुताबिक जितेंद्र ने हाल ही में शादी करके लौटा था। उसकी पत्नी बिहार में ही है। वह उसका गौना नहीं करवाया था। लॉकडाउन के चलते वह घर नहीं जा पाया। घर जाने के लिए उसकी तैयारी थी। लॉकडाउन होने के कारण वह रूक गया था। इस बीच हादसा हो गया। आसपास के लोगों ने बताया था कि राजन गांजा पीता है। दुकान वह शांत स्वभाव का दिखता था।
नशे का होता है दुस्प्रभाव
गांजा जैसे तीव्र नशा का दिमाग में काफी दुष्प्रभाव पड़ता है। इससे सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है। साथ ही अच्छे-बुरे परिणाम के बारे में भी समझ नहीं रहती है। यही वजह है कि मामूली बातों पर भी ज्यादा गुस्सा करके राजन ने जितेंद्र की हत्या कर दी। फिलहाल माना पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

Facebook's side effect: Engineering student chatting with elders as a beautiful girl

Raipur. Seeing the beautiful woman's photo and attractive chatting on Facebook, everyone was desperate to befriend her. Due to this absurdity, about 4 thousand people became his Facebook friends and 10 thousand people were following him. Facebook friends were eagerly waiting to chat with him. When will she be online and chatting? Many people thought the same, and 10 to 15 times a day, it was possible for Facebook to be online. There was peace in the whole group as if the snake had smelled. People started feeling embarrassed. Some Facebook friends' wishes erupted. The beautiful woman's religion was broken by that post. Actually, what all the beautiful young girl Nisha Jindal understood, it was Ravi Pujar, a 31 year old youth. Ravi used to chat with people by becoming an ID in the name of Nisha in Facebook. Being a young woman, everyone used to chat in such a way that no one was suspicious. From the year 2012, he was cheating people on Facebook like this. People were chatting with him as Nisha. The police arrested Ravi and sent him to jail.

Used to jar. Some people used to wait for the post of the woman, which had serious thoughts and talk. This was going on for the last eight years. Suddenly on Friday, the woman posted a post on her Facebook that stirred the entire group. all his

Facebook's side effect: Fueled by communal comment

For the last few days, communal remarks were being posted through Facebook ID named Nisha Jindal. In this, adverse remarks were being made, attributing the people of a particular community to corona infection. The police received complaints about frequent such posts. The police cyber cell team started investigating the ID made in the name of Nisha Jindal. Investigation revealed that Nisha Jindal's ID was created by Ravi Pujar. And she is active in Facebook by the name of Nisha. And chatting with people. Also, a community is constantly commenting on a particular. After this, the police arrested him under the IT Act.

Facebook's side effect: quit engineering studies

TI LP Jaiswal told that Ravi is a resident of Jashpur area. And he joined Kite Engineering College, Raigarh in 2009. Was doing engineering from IT branch. Failed in fifth semester. Since then, he did not mind studying. And his degree was not completed. Meanwhile, in the year 2012, she created a Facebook ID in the name of Nisha Jindal and started befriending people.

Facebook's side effect: 4 thousand friends, 10 thousand followers

In Facebook, Ravi posted a photo of an attractive woman. And started chatting in his name. So far he has 4 thousand Facebook friends and 10 thousand followers. The beautiful woman and the way she interacted attracted more people and became her Facebook friend. Many people are included in these intellectuals. In his profile, he used to describe himself as a member of organizations like IMF, WHO, WTO. People were affected by this. And sent him a friend request. These include many elders.

Facebook's side effect: Many were engaged in making intimate friends

Many of her Facebook friends wanted to be friends with Ravi, who was chatting as a girl. Some people were constantly pressurizing him to make intimate friends. For this, he used to repeatedly message and also asked for a mobile number. Ravi did not knowingly give a mobile number. He was afraid of revealing the reality from mobile. For this reason he kept chatting with everyone only on Facebook.

Facebook's Side Effect: Use caution

-Avoid friendship with unknown people in Facebook

-Do not accept the friend request of unknown people

Beware of fake Facebook ID creators

-Check his profile thoroughly before making a friend

If there is any wrong information in the profile, do not befriend such people

फेसबुक का साइड इफैक्ट : खूबसूरत युवती बनकर इंजीनियरिंग स्टूडेंट करता था बुजुर्गों से चैटिंग

सांप्रदायिक टिप्पणी करके फंसा, तब हुआ खुलासा
फेसबुक के साइड इफैक्ट : खूबसूरत युवती बनकर चेटिंग करने वाला रवि 
रायपुर. फेसबुक में खूबसूरत युवती का फोटो और आकर्षक चैटिंग देखकर हर कोई उससे दोस्ती करने के लिए बेताब हो जाता था। इसी बेताबी के चलते करीब 4 हजार लोग उसके फेसबुक फ्रेंड बन गए और 10 हजार लोग उसे फॉलो कर रहे थे। फेसबुक फ्रेंडस को उससे चैटिंग करने का बेसब्री से इंतजार रहता था। कब वह ऑनलाइन होगी और कब चैटिंग करेंगे? कई लोग यही सोचते थे और दिनभर में 10 से 15 बार उसके ऑनलाइन होने का इंत फेसबुक फ्रेंड सकते में आ गए। पूरे गु्रप में शांति छा गई, मानो सांप सूंघ गया हो। लोग शर्मिंदगी महसूस करने लगे। कुछ फेसबुक फ्रेंड्स के अरमानों में पानी फिर गया। उस पोस्ट से खूबसूरत युवती का तिलिस्म टूट गया। दरअसल जिसे सब खूबसूरत युवती निशा जिंदल समझ रहे थे, वह असली में 31 साल का युवक रवि पुजार था। रवि फेसबुक में निशा के नाम से आईडी बना युवती बनकर लोगों से चैटिंग करता था। सभी से युवती बनकर ऐसे चैटिंग करता था, जिससे किसी को शक नहीं होता था। वर्ष 2012 से वह लोगों को इसी तरह फेसबुक में झांसा दे रहा था। लोग उसे निशा समझकर चैटिंग कर रहे थे। पुलिस ने रवि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 
जार करते थे। कुछ लोगों को उस युवती के पोस्ट का इंतजार होता था, जिसमें गंभीर विचार और तार्किंक बातें होती थीं। पिछले आठ साल से यह सिलसिला चल रहा था। अचानक शुक्रवार को उस युवती ने अपने फेसबुक में एक ऐसा पोस्ट किया कि पूरे ग्रुप में हड़कंप मच गया। उसके सभी
फेसबुक का साइड इफैक्ट : सांप्रदायिक टिप्पणी से फंसा
पिछले कुछ दिनों से निशा जिंदल के नाम से बनी फेसबुक आईडी के जरिए सांप्रदायिक टिप्पणी पोस्ट हो रही थी। इसमें एक समुदाय विशेष के लोगों को कोरोना संक्रमण का जिम्मेदार बताते हुए प्रतिकूल टिप्पणी की जा रही थी। लगातार ऐसी पोस्ट आने की शिकायत पुलिस को मिली। पुलिस की साइबर सेल की टीम ने निशा जिंदल के नाम से बनी आईडी की जांच शुरू की। जांच में खुलासा हुआ कि निशा जिंदल की आईडी रवि पुजार ने ही बनाई है। और वह निशा के नाम से फेसबुक में सक्रिय है। और लोगों से चैटिंग कर रहा है। साथ ही एक समुदाय विशेष पर लगातार टिप्पणी भी कर रहा है। इसके बाद पुलिस ने उसे आईटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया।
फेसबुक का साइड इफैक्ट : इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ा
टीआई एलपी जायसवाल ने बताया कि रवि जशपुर इलाके का रहने वाला है। और उसने रायगढ़ के काइट इंजीनियरिंग कॉलेज में वर्ष 2009 में प्रवेश लिया था। आईटी ब्रांच से इंजीनियरिंग कर रहा था। पांचवें सेमेस्टर में फेल हो गया। इसके बाद से उसका पढ़ाई में मन नहीं लगा। और उसकी डिग्री पूरी नहीं हुई। इस बीच वर्ष 2012 में उसने फेसबुक में निशा जिंदल के नाम से फेसबुक आईडी बनाया और लोगों से दोस्ती करने लगा।
फेसबुक का साइड इफैक्ट : 4 हजार फ्रेंड, 10 हजार फॉलोवर्स
फेसबुक में रवि ने एक आकर्षक युवती का फोटो लगाया। और उसके नाम पर चैटिंग करने लगा। अब तक उसके 4 हजार फेसबुक फ्रेंड हैं और 10 हजार फॉलोवर्स हें। खूबसूरत युवती और बातचीत के तरीके से अधिक लोग आकर्षित होते गए और उसके फेसबुक फ्रेंड बनते गए। इनमें कई लोग बुद्धिजीवियों में शामिल हैं। अपने प्रोफाइल में खुद को आईएमएफ, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ जैसे संगठनों का सदस्य बताता था। इससे लोग प्रभावित होते थे। और उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे। इनमें कई बुजुर्ग भी शामिल हैं।
फेसबुक का साइड इफैक्ट : अंतरंग मित्र बनाने में लगे थे कई
युवती बनकर चैटिंग करने वाले रवि से उसके कई फेसबुक फ्रेंड उससे गहरी दोस्ती करना चाहते थे। कुछ लोग उसे लगातार अंतरंग फ्रेंड बनाने के लिए दबाव बनाने लगे थे। इसके लिए बार-बार मैसेज करते थे और मोबाइल नंबर भी मांगा करते थे। रवि जानबूझकर मोबाइल नंबर नहीं देता था। उसे मोबाइल से असलियत का खुलासा होने का डर रहता था। इस कारण वह सभी से केवल फेसबुक में चैटिंग करता रहता था।
फेसबुक का साइड इफैक्ट : सावधानी बरतें
-फेसबुक में अंजान लोगों से दोस्ती करने से बचे
-अंजान लोगों के फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें
-फर्जी फेसबुक आईडी बनाने वालों से सतर्क रहें
-दोस्ती करने से पहले उसके प्रोफाइल की अच्छे से जांच करें
-प्रोफाइल में अगर कोई गलत जानकारी हो, तो ऐसे लोगों से दोस्ती न करें

कोरोना संक्रमण से बचने रायपुर पुलिस का देशी जुगाड़


रायपुर. पुलिस को पॉवर तो बहुत मिलती है, लेकिन सरकार से पैसा उतना नहीं मिलता। इसके चलते कई महत्वपूर्ण जनपयोगी काम पुलिस नहीं कर पाती है। कोरोना वॉयरस के संक्रमण की रोकथाम और लॉकडाउन से परेशान लोगों की मदद के लिए हर कोई आगे आ रहा है। ऐसे में पुलिस कैसे पीछे रह सकती है। पुलिस विभाग के नवाचारी ट्रैफिक डीएसपी सतीश सिंह ठाकुर लगातार कुछ न कुछ ऐसे प्रयोग कर रहे हैं, जिससे कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके। पहले उन्होंने देशी जुगाड़ से हवा और ऊंची इमारतों को सेनेटाइज करने के लिए ड्रोन बनाया। और अब लाठीनुमा सेनेटाइजर स्प्रे लेकर सड़क पर लोगों के हाथ सेनेटाइज कर रहे हैं। यह भी देशी जुगाड़ से बनाया गया है। लगात सिर्फ सेनेटाइजर की है।
कोरोना संक्रमण : चालान के साथ सेनेटाइज भी हो रहे लोग
कोरोना संक्रमण से बचने रायपुर पुलिस का देशी जुगाड़ 
लॉकडाउन के बीच ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों को एसआरपी चौक में ट्रैफिक डीएसपी ठाकुर रोकते हैं। नियम तोडऩे के कारण उनका चालान कटवाते हैं, लेकिन साथ में उनके हाथों को सेनेटाइज भी करते हैं। इसके लिए उन्होंने एक लाठीनुमा करीब डेढ़ फीट का सेनेटाइजर स्प्रे बनाया है। पूरा स्प्रे घरेलू सामान से बनाया गया है। आरओ मशीन में लगने वाली पाइप और क्लीनर की बोतल में लगे स्प्रे वाले हिस्से को जोड़कर बनाया गया है। इसमें 650 एमएल सेनेटाइजर भरा रहता है।
कोरोना संक्रमण: डंडा समझकर घबराते हैं लोग
सेनेटाइजर स्प्रे दिखने में पुलिस के डंडे जैसा ही दिखता है। वाहन चालकों को दूर से लगताा है कि पुलिस डंडा मारने आ रही है, लेकिन उसके स्प्रे वाले हिस्से को देेखकर उनकी घबराहट कम होती है। और जैसे ही पुलिस जवान स्प्रे से उनके हाथों को सेनेटाइज करते हैं, तो पुलिस की प्रशंसा करने से नहीं चूकते। डीएसपी ठाकुर का कहना है कि यह घरेलू सामान से बनाया गया है। ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों का चालान तो काटते ही हैं, लेकिन साथ में उनके हाथ को सेनेटाइज भी करते हैं। दूसरों के अलावा ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक पुलिस जवानों के लिए भी काफी उपयोगी है। दिनभर में कई तरह के लोगों से मिलते हैं। इस बीच सेनेटाइजर स्प्रे से हाथ सेनेटाइज करते रहते हैं।
कोरोना संक्रमण: हवा को सेनेटाइज करने वाला ड्रोन भी 
सेनेटाइजर स्प्रे से पहले डीएसपी ठाकुर की पहल पर सेनेटाइजर ड्रोन  बनाया गया था। ड्रोन में कैमरे के स्थान पर पांच लीटर क्षमता का सेनेटाइजर वाला बॉटल फीट किया गया। इसके बाद उसकी बैटरी की क्षमता बढ़ाई गई। इसके बाद उससे हवा और वातावरण को सेनेटाइज किया गया। इस ड्रोन के जरिए ऊंची बिल्डिंग, भीड़, बाजार और घनी बस्तियों को सेनेटाइज किया जा सकता है। इससे कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिल रही है। इसका प्रयोग जयस्तंभ चौक में एसएसपी आरिफ शेख की उपस्थिति में किया गया था। प्रयोग सफल रहा। इसके बाद ड्रोन से खरोरा इलाके में सेनेटाइज किया गया था।  

बिहार के थे रायगढ़ में कैश वैन लुटने वाले दो लुटेरे

रायगढ़ में कैश वैन लूटपाट का दुस्साहस करने वाले अंतर्राज्यीय गैंग के दो गैंगस्टर गिरफ्तार  जोखिम भरे मिशन में लगी पुलिस की 8 टीमों ने 10 घंटे...