फेसबुक का साइड इफैक्ट : खूबसूरत युवती बनकर इंजीनियरिंग स्टूडेंट करता था बुजुर्गों से चैटिंग

सांप्रदायिक टिप्पणी करके फंसा, तब हुआ खुलासा
फेसबुक के साइड इफैक्ट : खूबसूरत युवती बनकर चेटिंग करने वाला रवि 
रायपुर. फेसबुक में खूबसूरत युवती का फोटो और आकर्षक चैटिंग देखकर हर कोई उससे दोस्ती करने के लिए बेताब हो जाता था। इसी बेताबी के चलते करीब 4 हजार लोग उसके फेसबुक फ्रेंड बन गए और 10 हजार लोग उसे फॉलो कर रहे थे। फेसबुक फ्रेंडस को उससे चैटिंग करने का बेसब्री से इंतजार रहता था। कब वह ऑनलाइन होगी और कब चैटिंग करेंगे? कई लोग यही सोचते थे और दिनभर में 10 से 15 बार उसके ऑनलाइन होने का इंत फेसबुक फ्रेंड सकते में आ गए। पूरे गु्रप में शांति छा गई, मानो सांप सूंघ गया हो। लोग शर्मिंदगी महसूस करने लगे। कुछ फेसबुक फ्रेंड्स के अरमानों में पानी फिर गया। उस पोस्ट से खूबसूरत युवती का तिलिस्म टूट गया। दरअसल जिसे सब खूबसूरत युवती निशा जिंदल समझ रहे थे, वह असली में 31 साल का युवक रवि पुजार था। रवि फेसबुक में निशा के नाम से आईडी बना युवती बनकर लोगों से चैटिंग करता था। सभी से युवती बनकर ऐसे चैटिंग करता था, जिससे किसी को शक नहीं होता था। वर्ष 2012 से वह लोगों को इसी तरह फेसबुक में झांसा दे रहा था। लोग उसे निशा समझकर चैटिंग कर रहे थे। पुलिस ने रवि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 
जार करते थे। कुछ लोगों को उस युवती के पोस्ट का इंतजार होता था, जिसमें गंभीर विचार और तार्किंक बातें होती थीं। पिछले आठ साल से यह सिलसिला चल रहा था। अचानक शुक्रवार को उस युवती ने अपने फेसबुक में एक ऐसा पोस्ट किया कि पूरे ग्रुप में हड़कंप मच गया। उसके सभी
फेसबुक का साइड इफैक्ट : सांप्रदायिक टिप्पणी से फंसा
पिछले कुछ दिनों से निशा जिंदल के नाम से बनी फेसबुक आईडी के जरिए सांप्रदायिक टिप्पणी पोस्ट हो रही थी। इसमें एक समुदाय विशेष के लोगों को कोरोना संक्रमण का जिम्मेदार बताते हुए प्रतिकूल टिप्पणी की जा रही थी। लगातार ऐसी पोस्ट आने की शिकायत पुलिस को मिली। पुलिस की साइबर सेल की टीम ने निशा जिंदल के नाम से बनी आईडी की जांच शुरू की। जांच में खुलासा हुआ कि निशा जिंदल की आईडी रवि पुजार ने ही बनाई है। और वह निशा के नाम से फेसबुक में सक्रिय है। और लोगों से चैटिंग कर रहा है। साथ ही एक समुदाय विशेष पर लगातार टिप्पणी भी कर रहा है। इसके बाद पुलिस ने उसे आईटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया।
फेसबुक का साइड इफैक्ट : इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ा
टीआई एलपी जायसवाल ने बताया कि रवि जशपुर इलाके का रहने वाला है। और उसने रायगढ़ के काइट इंजीनियरिंग कॉलेज में वर्ष 2009 में प्रवेश लिया था। आईटी ब्रांच से इंजीनियरिंग कर रहा था। पांचवें सेमेस्टर में फेल हो गया। इसके बाद से उसका पढ़ाई में मन नहीं लगा। और उसकी डिग्री पूरी नहीं हुई। इस बीच वर्ष 2012 में उसने फेसबुक में निशा जिंदल के नाम से फेसबुक आईडी बनाया और लोगों से दोस्ती करने लगा।
फेसबुक का साइड इफैक्ट : 4 हजार फ्रेंड, 10 हजार फॉलोवर्स
फेसबुक में रवि ने एक आकर्षक युवती का फोटो लगाया। और उसके नाम पर चैटिंग करने लगा। अब तक उसके 4 हजार फेसबुक फ्रेंड हैं और 10 हजार फॉलोवर्स हें। खूबसूरत युवती और बातचीत के तरीके से अधिक लोग आकर्षित होते गए और उसके फेसबुक फ्रेंड बनते गए। इनमें कई लोग बुद्धिजीवियों में शामिल हैं। अपने प्रोफाइल में खुद को आईएमएफ, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ जैसे संगठनों का सदस्य बताता था। इससे लोग प्रभावित होते थे। और उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे। इनमें कई बुजुर्ग भी शामिल हैं।
फेसबुक का साइड इफैक्ट : अंतरंग मित्र बनाने में लगे थे कई
युवती बनकर चैटिंग करने वाले रवि से उसके कई फेसबुक फ्रेंड उससे गहरी दोस्ती करना चाहते थे। कुछ लोग उसे लगातार अंतरंग फ्रेंड बनाने के लिए दबाव बनाने लगे थे। इसके लिए बार-बार मैसेज करते थे और मोबाइल नंबर भी मांगा करते थे। रवि जानबूझकर मोबाइल नंबर नहीं देता था। उसे मोबाइल से असलियत का खुलासा होने का डर रहता था। इस कारण वह सभी से केवल फेसबुक में चैटिंग करता रहता था।
फेसबुक का साइड इफैक्ट : सावधानी बरतें
-फेसबुक में अंजान लोगों से दोस्ती करने से बचे
-अंजान लोगों के फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें
-फर्जी फेसबुक आईडी बनाने वालों से सतर्क रहें
-दोस्ती करने से पहले उसके प्रोफाइल की अच्छे से जांच करें
-प्रोफाइल में अगर कोई गलत जानकारी हो, तो ऐसे लोगों से दोस्ती न करें

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