थप्पड़ का बदला गंजेड़ी ने ऐसे लिया कि गर्दन काटकर रात भर शव के सामने बैठा रहा

हत्या के बाद पैदल ही घर जाने के लिए पैदल निकला
कमरे में मृत जितेंद्र 
रायपुर. माना बस्ती 18 अप्रैल सुबह करीब 8 बजे। नाईपारा में उदय साहू की बाड़ी में उसका साला विरेंद्र साहू सब्जी तोड़ रहा था। इसी दौरान बाड़ी में बने मकान के एक कमरे से मोबाइल की घंटी बजने की आवाज आई। विरेंद्र ने ध्यान नहीं दिया। फिर मोबाइल की घंटी बजी और फिर लगातार घंटी बजने लगी। इसके बाद विरेंद्र का ध्यान उस ओर गया। वह कमरे के करीब पहुंचा। कमरे का दरवाजा खुला था। और मोबाइल लगातार बज रहा था। उसने पास जाकर देखा, तो उसके हाथपांव फूल गए। तख्त पर 30 वर्षीय जितेंद्र का शव पड़ा था। कमरे की दीवार और जमीन पर खून ही खून फैला था। जितेंद्र का सिर को बुरी तरह से चोट पहुंचाया गया था। गर्दन का आधा हिस्सा कट पड़ा था। यह देखकर विरेंद्र घबरा गया और उसने तत्काल उदय को सूचना और फिर फर्नीचर दुकान चलाने वाले दीपक गुप्ता का बुलाया। मौके से जितेंद्र का रूम पार्टनर राजन कुमार गौतम फरार था।  घटना स्थल पर माना टीआई दुर्गेश रावटे पहुंचे। इसके बाद हत्या की जांच शुरू हुई।
इन हथियारों से हुई हत्या 
ऐसे शुरू हुई कहानी
पुलिस गिरफ्त में राजन(बाएं से पहला ) 
माना बस्ती में दीपक गुप्ता की फर्नीचर दुकान है। उसकी दुकान में 30 वर्षीय जितेंद्र कुमार शर्मा डेढ़ साल से कारीगर के रूप में काम कर रहा था। उसे दीपक ने माना में ही किराए का मकान दिलवाया था। करीब तीन माह पहले राजन कुमार भी दीपक से मिला और पेटिंग का काम मांगा। दीपक ने उसे भी काम दे दिया। वह 9 माह पहले भी दीपक की दुकान में काम कर चुका था। इसलिए दीपक ने उसे दोबारा काम पर रख लिया। और उसे जितेंद्र के साथ ही रहने के लिए कहा। चूंकि दोनों पहले भी साथ रह चुके थे। इसलिए फिर दोनों साथ रहने लगे। कुछ दिन तक दोनों के बीच बातचीत ठीक होती थी। फिर जितेंद्र कामकाज को लेकर उसे कभी-कभी डांट देता था। दोनों एक साथ रहते थे। लिहाजा घर के घर के कामकाज और सामान के उपयोग को लेकर भी दोनों के बीच झगड़ा होने लगा। खासकर खाना बनाने को लेकर विवाद होते रहता था। एक बार मामला दीपक तक भी पहुंचा था। दीपक ने दोनों को समझाया था। इसके बाद दोनों शांत हो गए थे।https://chhattisgarhsatyakatha.blogspot.com/2020/04/blog-post_18.html
खाना बनाने की जिम्मेदारी तय
जितेंद्र और राजन के बीच खाना बनाने को लेकर अक्सर विवाद होता था। दोनों के बीच एक दिन फिर झगड़ा हुआ। इसकी जानकारी दीपक को हुई। दोनों को फिर समझाया। फिर  दोनों के बीच यह तय हुआ कि सुबह का खाना जितेंद्र बनाएगा और शाम का राजन। इसके बाद मामला शांत हुआ। इसी तरह पंखे को लेकर भी झगड़ा होता था। दोनों एक ही कमरे में सोते थे। रात में जितेंद्र पंखे को अपनी ओर कर लेता था। इससे हवा केवल उसी की ओर जाती थी। कभी राजन अपनी ओर कर लेता था। इस तरह दोनों के बीच मनमुटाव चलता ही रहता था।
मौत की नींद 
पुलिस के मुताबिक 17 अप्रैल की रात करीब 8.30 बजे दोनों अपने कमरे में थे। सोते समय बिस्तर बिछाने को लेकर जितेंद्र और राजन के बीच फिर झगड़ा हुआ। इस बार गाली-गलौज करते हुए जितेंद्र ने राजन को दो थप्पड़ जड़ दिए। मार खाने के बाद राजन शांत हो गया। दूसरी ओर जितेंद्र भी सो गया। जितेंद्र को पता नहीं था कि वह हमेशा के लिए सोने जा रहा है। रात में मार खाने के बाद राजन को नींद नहीं आई और वह मन ही मन जितेंद्र को सबक सिखाने की सोचने लगा। और आधी रात को उठा। जितेंद्र गहरी नींद में था। राजन ने पास रखे कुदाली को उठाया और जितेंद्र के सिर पर ताबड़तोड़ वार करने लगा। नींद में होने के कारण जितेंद्र को संभलने का मौका भी नहीं मिला। लगातार सिर में वार होने से उसकी मौत हो गई।
ऐसे की बर्बरता 
राजन ने जितेंद्र की बेरहमी से हत्या की। पहले उसके सिर पर लगातार वार करता रहा। उसकी मौत हो गई। इसके बाद भी राजन को चैन नहीं मिला। उसे लकड़ी काटने की आरी ली। और जितेंद्र के गर्दन को काट दिया। इससे पूरे कमरे में खून फैल गया। जब शरीर से गर्दन लगभग अलग होने लगी, तब राजन को जितेंद्र की मौत होने पर यकीन हुआ। इसके बाद उसने आरी चलाना रोका।
सुबह का इंतजार
आधी रात को जितेंद्र की हत्या करने के बाद राजन वहीं लाश के पास बैठा रहा। सुबह होने का इंतजार करता रहा। उसके मन में न किसी का डर था और न ही कोई चिंता। पूरे कमरे में खून फैला था। और वहीं बैठकर वह सुबह होने का इंतजार करता रहा। सुबह करीब 7.30 बजे वह कमरे से निकला और फरार हो गया। वह पैदल ही माना से निकला। और दलदल सिवनी इलाके तक पैदल पहुंच गया था।
खुद पर कंट्रोल नहीं
नशे की लत किसी को भी अपराधी बना सकताा है। उत्तरप्रदेश के छोटे से गांव पटखौली में रहने वाला 19 वर्षीय राजन कुमार गौतम रोजीरोटी की तलाश में रायपुर आया था। उसका एक ही मकसद था कि किसी तरह रोजीरोटी की व्यवस्था हो जाए। उसे दीपक के पास काम मिल गया। काम मिलते ही उसने नशा करना भी शुरू कर दिया। उसे गांजा पीने का शौक था। गांजे के कारण उसे मामूली बात पर भी गुस्सा आ जाता था। इसी गुस्से के चलते उसने अपने पार्टनर की बेरहमी से हत्या कर दी। और अब जेल के सलाखों के पीछे चला गया। दीपक ने बताया कि आरोपी राजन अक्सर गांजा पीता था। गांजा पीने के कारण उसे खुद पर कंट्रोल नहीं रहता था। गुस्सा भी बहुत करता था। जिस ढंग से उसने जितेंद्र की हत्या की है, उससे लगता है कि वह उससे गहरी दुश्मनी रखता था। उसका जितेंद्र का कुदाली से हत्या करने के बाद भी गर्दन को आरी से रेतना काफी विभत्स कर देने वाला है।
शादी करके लौटा था
दीपक गुप्ता के मुताबिक जितेंद्र ने हाल ही में शादी करके लौटा था। उसकी पत्नी बिहार में ही है। वह उसका गौना नहीं करवाया था। लॉकडाउन के चलते वह घर नहीं जा पाया। घर जाने के लिए उसकी तैयारी थी। लॉकडाउन होने के कारण वह रूक गया था। इस बीच हादसा हो गया। आसपास के लोगों ने बताया था कि राजन गांजा पीता है। दुकान वह शांत स्वभाव का दिखता था।
नशे का होता है दुस्प्रभाव
गांजा जैसे तीव्र नशा का दिमाग में काफी दुष्प्रभाव पड़ता है। इससे सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है। साथ ही अच्छे-बुरे परिणाम के बारे में भी समझ नहीं रहती है। यही वजह है कि मामूली बातों पर भी ज्यादा गुस्सा करके राजन ने जितेंद्र की हत्या कर दी। फिलहाल माना पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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